स्वर्ण वेदी के सींगों से रक्त बोलता है
नोट: इस लेख में प्रकाशितवाक्य ९:१२-२१ “एक विपत्ति बीत चुकी है; और देखो, इसके बाद दो और विपत्तियां आएंगी।” ~ प्रकाशितवाक्य ९:१२ तीन में से पहला संकट (५वीं तुरही) बीत चुका है। वह पहला शोक दुखदायी था, लेकिन कई लोगों ने सहा, लेकिन उनमें से कई आध्यात्मिक रूप से नहीं मरे। और हमेशा की तरह, सच्चे लोग होते हैं... अधिक पढ़ें